tag:blogger.com,1999:blog-8871106695668816766.post8247697023050375957..comments2023-06-23T06:18:58.682-07:00Comments on सच्चित सचिन: हमेशा गलती चाक़ू की - चाहे कद्दू खुद गिरे / धड़ाम -सच्चित-सचिनhttp://www.blogger.com/profile/13094139602456526835noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-8871106695668816766.post-10874518358330468832013-01-06T04:11:50.990-08:002013-01-06T04:11:50.990-08:00गरियाए हरदिन गए, मारे गए घसीट ।
हम को ही कहते रहे...गरियाए हरदिन गए, मारे गए घसीट ।<br /><br />हम को ही कहते रहे, अत्याचारी कीट ।<br /><br /> <br /><br />अत्याचारी कीट, दूध की धुली नारियाँ ।<br /><br />चाहे जितनी ढीठ, पुरुष को मिली गारियाँ ।<br /><br /> <br /><br />चेतो सच्चित-सचिन, कहीं ना जाव बिराये ?<br /><br />करते जो नुकसान, वही जाते गरियाए ।। रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.com