फ़िल्मी परदे पर अठखेलियाँ-
विज्ञापन में मजाक उडाती चेलियाँ
पड़ोसन अल्बेलियाँ
जो मुंह-बोले भतीजों से लगवाती रहती हैं पीठ पर साबुन
लिव-इन-रिलेशन -
गुप्त-सम्बन्ध
बनाती रहती है स्वयं नए रिश्ते-
नाबालिग छोरों को सीधे सीधे फाँसती
फिर भी सती -
लड़कों का करती बालात्कार-
न्याय का समान अधिकार
इसे भी करें शामिल
नए प्रावधानों में -
विज्ञापन में मजाक उडाती चेलियाँ
पड़ोसन अल्बेलियाँ
जो मुंह-बोले भतीजों से लगवाती रहती हैं पीठ पर साबुन
लिव-इन-रिलेशन -
गुप्त-सम्बन्ध
बनाती रहती है स्वयं नए रिश्ते-
नाबालिग छोरों को सीधे सीधे फाँसती
फिर भी सती -
लड़कों का करती बालात्कार-
न्याय का समान अधिकार
इसे भी करें शामिल
नए प्रावधानों में -
लज्जा की प्रतिमूर्ति को, मिला नपुंसक नाथ |
ReplyDeleteकाम वासना के लिए, क्यूँ ढूँढे नहिं पाथ ?
क्यूँ ढूँढे नहिं पाथ, उसे भी ज्वर चढ़ता है |
जो भी हत्थे चढ़े, सहारा बन बढ़ता है |
माने रविकर पक्ष, बिगाड़े पर क्या काकी ?
फ़ोकट में दे पाठ, बात क्या फिर लज्जा की ||